Thursday, 7 April 2011

लुप्त होती हिमाचली संस्कृति - एक झलक

बदलते समय के साथ हमारी सोच और ज़रूरतें भी बदल रही हैं और साथ ही बढ़ रही है शिक्षित लोगों की संख्या| भारत में आज हिमाचल को सबसे शिक्षित राज्य का दर्जा मिला हुआ है| यह हमारे लिए एक गौरव की बात है| किन्तु जब सवाल हिमाचली कला, साहित्य और संस्कृति का आता है तो हम आज भी मौन होकर खड़े रहते हैं| भगत सिंह नें एक बार कहा था "कला, साहित्य और संस्कृति ही हमें उन्नती की ओर लेकर जाते हैं और किसी भी राज्य के विकास के लिए ज़रूरी है कि हम उस राज्य की कला, साहित्य और संस्कृति को पूरी तरह फलने-फूलने का मौका दें"| तो क्या हम हिमाचल की कला, साहित्य और संस्कृति को वह अवसर दे पा रहे हैं?
हिमाचल के लिए आज यह बहुत ज़रुरी है कि हम युवाओं को विज्ञान व तकनीक साथ-साथ कला, साहित्य और संस्कृति से भी समय-समय पर अवगत कराते रहे| ज्यादा और कुछ ना लिखते हुए में इस लेख को आपके विचारों के लिए छोड़ रहा हूँ इस आशा के साथ कि आप अपने-अपने विचार ज़रूर हमारे साथ बाँटेंगे| और साथ ही साथ कुछ साल पहले मंडी की लुप्त होती दिवाली पर बनाई गयी अपनी फिल्म की ओर आपका ध्यान खिंच रहा हूँ जो आप इस ब्लॉग के आखिर में नीचे देख सकते हैं|

अजय सकलानी


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